October 26, 2025

गौशालाओं को स्वावलंबी बनाना जरूरी

प्रदेश की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना होगा

प्रदेश में पशु चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने पर जोर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 🐄🌿

भोपाल | 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आत्मनिर्भर गौशालाएं प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दे सकती हैं। गोबर और गौमूत्र से जैविक खाद, बायोगैस और विभिन्न उत्पाद बनाकर गौशालाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि –

  • गौशालाओं में दुग्ध उत्पाद, गोबर-गौमूत्र आधारित सामग्री का विक्रय बढ़ाया जाए।

  • उपलब्ध भूमि का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जाए। ☀️

  • गौशालाओं के प्रबंधन में धार्मिक संस्थाओं और दानदाताओं को जोड़ा जाए।

👉 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप गिर, साहीवाल, मालवी और नागौरी जैसी देसी नस्लों के गौपालन को प्रोत्साहित किया जाएगा।

📌 मुख्य बिंदु:

  • प्रदेश में पशु चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने पर जोर 🩺

  • जनजातीय क्षेत्रों में गौपालन गतिविधियों को बढ़ावा 🌾

  • गौपालन, कृषि, उद्यानिकी और नवीकरणीय ऊर्जा को जोड़कर किसानों की आय में वृद्धि 🚜

बैठक में जानकारी दी गई कि –

  • अब तक 937 नई गौशालाएं पंजीकृत हो चुकी हैं, जिनमें 1.10 लाख गौवंश को आश्रय मिला है।

  • विदिशा, देवास, आगर-मालवा, ग्वालियर, दमोह, सतना और रीवा में बायोगैस सह जैविक खाद संयंत्र शुरू किए गए हैं।

  • ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन में बड़ी गौशालाओं का संचालन शुरू हो चुका है, जबकि भोपाल और जबलपुर में कार्य प्रगति पर है।

इस बैठक में पशुपालन राज्यमंत्री लखन पटेल, मुख्य सचिव अनुराग जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।