ग्वालियर। फूलबाग मैदान अयोध्या नगरी में आचार्यश्री सुबल सागर महाराज के सानिध्य में श्री चौबीसी तीर्थंकर जिनबिंब पंचकल्याणक महोत्सव प्रतिष्ठा एवं विश्व शांति महायज्ञ चल रहा है। महोत्सव के चौथे दिन शुक्रवार को तप कल्याण में सुबह नित्य पूजा के पश्चात दोपहर में युवराज आदि कुमार की बारात विवाह, राज्यतिलक, वैराग्य एवं दीक्षा संस्कार कार्यक्रम आयोजित हुए।
त्रिय मुनियों की दीक्षा दिवस पर किया आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन।
आचार्य श्री सुबल सागर महाराज के त्रिया मुनिश्री अभेद सागर (ग्वालियर गौरव) मुनिश्री अचेल सागर। ओर मुनिश्री अर्गभ सागर का चतुर्थ दीक्षा दिवस मनाया। त्रिया मुनियों ने गुरु देव आचार्यश्री के चरणों का पाद प्रक्षालन के साथ शास्त्र भेंट किए। ग्वालियर गौरव को सम्मान पत्र भेंट आयोजन समिति के अध्यक्ष मनोज जैन जैन कलेजा,महामंत्री बालचंद्र जैन, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र जैन बाबा, स्वागत अध्यक्ष पदमचंद जैन, मुख्य संयोजक विनय कासलीवाल, राजेंद्र जैन, प्रवीण गंगवाल, प्रमोद जैन ने किया।

राज्यतिलक पर कई राज्यों से आये राजा बधाई देने- युवराज आदिकुमार के माता.पिता महाराजा नाभिराय नरेश सेठी व रजवांस महारानी मरूदेवी ऊषा सेठी द्वारा युवराज आदि कुमार की वैवाहिक बारात निकाली गई। अयोध्य नगरी में युवराज आदिकुमार का राज्यअभिषेक हुआ। राजा नाभिराय और माता मरूदेवी के राजकुमार के दर्शनों के लिये कई राज्यों राजतिलक राज व्यवस्था, और बत्तीस मुकटबद्ध राजाओं ने हाथ मे बधाई भेंट लेकर आये। अयोध्य नगरी में राजा महाराजओ ने भक्ति नृत्य करते हुए खुशी जहीर की। यह देखकर पंडाल में उपस्थित जनसैलाब भी उमड़ पडा।
युवराज आदि कुमार के वैराग्य के देखकर भावुक होकर रो पडें लोगा-राजसभा में संगीतकार राजकुमार जैन भोपाल के स्वर संगीत के बीच नीलांजना सुरभि जैन ओर यशस्वी जैन ने नृत्य की प्रस्तुति दी। नृत्य के दौरान घटित घटनाक्रम को देखकर राजा युवराज आदिकुमार को क्षण भंगुरता का बोध होते ही वैराग्य हो गया। वैराग्य के मार्मिक प्रसंग की क्रियाओं को देख पंडाल में उपस्थित जन समुदाय भावुक हो गए। आदिकुमार को वैराग्योत्पति के बाद लौकान्तिक देवों द्वारा स्तवन उनका दीक्षावन की ओर प्रस्थान व दीक्षा के साथ तप कल्याणक की क्रियाएं की गई। माता पिता और राज के लोगो ने रूकाने की कोशिश की मगर वह नही रोके।
सांसारिक वैराग्य होने के उपंरात हुई दीक्षा-* आदि कुमार को जैसे ही इस संसार से वैराग्य मिला उन्होने खडंकावन में साल वृक्ष के नीचे नमः सिद्धेभ्यः बोलते हुए सिद्धसाक्षी दीक्षा ग्रहण करते है। दीक्षा के संस्कार आचार्यश्री सुबल सागर ने किया।
आज भगवान ज्ञान कल्याणक होगा, 24 आदि सागर की प्रथम आहारचर्या गोपाचल पर्वत आज होगी
महोत्सव के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि 15 नवंबर को प्रात : 6 बजे से जाप्य, नित्य नियमपूजन, ज्ञान कल्याणक, आचार्यश्री के मंगल प्रवचन एवं प्रातः 9ः00 बजे गोपाचल पर्वत पर 24 आदि सागर की प्रथम आहारचार्य होगी। वही दोपहर-1 बजे से प्राण प्रतिष्ठा, सूरिमंत्र, केवल ज्ञानोत्पति, समवशरण रचना, दिव्यध्वनि केवल ज्ञान होगा। शाम को 6ः 30 बजे से आरती ओर सांस्कृतिक कार्यक्रम होगे।
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सत्य कभी नहीं छिपता चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले सत्य की हमेशा विजय होती है– शुभम अग्निहोत्री