ग्वालियर। अंचल के सभी वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन पत्र देकर उनसे मार्मिक गुहार लगाए जाने के बावजूद ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के पोर्टल पर अभी तक वर्ष 2024 तक के मेला में दुकानें लगाने वाले सभी दुकानदारों की दुकानों को दर्ज नहीं किया गया है, नतीजन असमंजश और अनिश्चितता के भंवर में फंस कर मेला के पुराने स्थायी दुकानदार ऑनलाइन पेमेंट जमा नहीं कर पा रहे हैं। नतीजा यह है कि विगत कई दशकों एवं वर्षों से निरन्तर मेला में बिना नागा आ रहे व्यापारी इस बार के मेला में अपनी दुकानें एवं शोरूम लगाने की तैयारी अभी तक प्रारंभ नहीं कर सके हैं। नतीजन 2025*26 के मेला पर गंभीर कुहासा छा गया है।
श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया, सचिव महेश मुदगल, संयोजक उमेश उप्पल, संयुक्त अध्यक्ष एवं प्रवक्ता अनिल पुनियानी ने आज वक्तव्य में बताया कि श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर मेला व्यापारी संघ, ग्वालियर द्वारा केंद्रीय मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मेला प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष चेतन कश्यप, सांसद भारत सिंह कुशवाह, महापौर डॉ. शोभा सिकरवार, विधायक डॉ. सतीश सिंह सिकरवार, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष ऊषा अग्रवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष जयप्रकाश राजोरिया को ज्ञापन पत्र देकर यह गुहार लगाई है कि ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण द्वारा प्रारंभ किए गए मेला पोर्टल पर वर्ष 2024 तक के मेला में दुकानें लगाने वाले सभी दुकानदारों की दुकानों को अंकित किया जाए ताकि दुकानदार तत्काल ऑनलाइन पेमेंट जमा करा सकें। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि मेला प्राधिकरण के कर्ताधर्ता अपनी हठधर्मिता पर आमादा हैं और कुछ लोगों को उपकृत करने के लिए हजारों मेला व्यापारियों के हितों के साथ उनके रोजगार एवं भविष्य को भी दांव पर लगा दिया है। 2024 के ग्वालियर मेला सहित पिछले कई बरसों से ग्वालियर मेला में दुकानें लगाते आ रहे व्यापारियों का कहना है कि वो दुकान के लिए इतना हैरान परेशान पहले कभी नहीं हुए। हर बार उन्हें मेला में दुकान आसानी से मिल जाती थी लेकिन इस बार तो हद ही हो गई है। ग्वालियर अंचल सहित देशभर से आने वाले दुकानदार मेला दफ्तर के बाहर भरी सर्दी डेरा जमाए हुए हैं जबकि मेला शुरू होने में बमुश्किल दो महीने से भी कम वक्त बचा है।
क्या मेला प्राधिकरण जनप्रतिनिधियों की ताकत को कम आंक रहा ?श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर मेला व्यापारी संघ का कहना है कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि ही सर्वोपरि होते हैं, जिनके निर्देश एवं सुझाव को प्रशासन द्वारा मानने एवं उसी के अनुरूप निर्णय लेने की परंपरा रही है लेकिन वर्ष 2024 के मेला के दुकानदारों की दुकानें अभी तक मेला पोर्टल पर न डालकर मेला प्राधिकरण ने गणमान्य केंद्रीय मंत्री, सांसदगण, विधानसभा अध्यक्ष, राज्य सरकार के मंत्रियों, महापौर, विधायक एवं सत्तारूढ़ दल के प्रदेश मीडिया प्रभारी, जिलाध्यक्ष की अवमानना की है एवं उनकी शक्तियों को कमतर आंका है। इस स्थिति में मेला में कई पीढ़ियों से दुकानें लगाते आ रहे दुकानदार अब चारों तरफ से हताश, निराश हो चुके हैं और अब सिर्फ ईश्वर का ही भरोसा है।
कोई शिकमी दुकानदार है तो पर कार्रवाई करें लेकिन सभी को न दें सजा
मेला व्यापारियों ने यह भी कहा कि यदि कोई शिकमी या फर्जी दुकानदार है तो निष्पक्ष जांच कर उसके विरुद्ध कड़ा एक्शन लिया जाए लेकिन उसकी सजा सभी मेला दुकानदारों को नहीं दी जाए।
इन्होंने की मांग
वर्ष 2024 तक के मेला में दुकानें लगाने वाले सभी दुकानदारों की दुकानों को मेला पोर्टल पर तत्काल दर्ज करने की मांग करने वालों में ग्वालियर मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया, सचिव महेश मुदगल, संयोजक उमेश उप्पल, संयुक्त अध्यक्ष एवं प्रवक्ता अनिल पुनियानी, सह संयुक्त अध्यक्ष जगदीश उपाध्याय, कार्यकारी अध्यक्ष अनुज गुर्जर, हरिकांत समाधिया. बलवीर सिंह खटीक गिरीश शर्मा ( कल्याण समिति) पंडित विजय कब्जू, रफ़न खान, कमल सिंह जादौन, सुरेश हिरयानी, अनिल शर्मा, संजू तोमर, पप्पू शिवहरे, श्याम गुप्ता, रिजवान, गिर्राज शर्मा, बब्बन सेंगर आदि प्रमुख हैं।
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