October 26, 2025

इस बार आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर शुभ योगों का दुर्लभ संयोग बन रहा है

गुरुपूर्णिमा पर विशेष : बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

🌕  श्रीसूक्त और लक्ष्मी स्तोत्र पाठ से होगी आर्थिक परेशानियों की समाप्ति

🕉️ धर्म डेस्क 

10 जुलाई यानि आज के दिन देशभर में श्रद्धा, साधना और गुरु के प्रति आभार के पर्व ‘गुरुपूर्णिमा’ को उल्लासपूर्वक मनाया जाएगा। यह दिन केवल गुरु-शिष्य परंपरा को सम्मान देने का अवसर नहीं है, बल्कि धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है।

इस बार आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर शुभ योगों का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसमें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अत्यंत फलदायी मानी गई है। इस पावन अवसर पर श्रीसूक्त और धनदा लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से दरिद्रता दूर होती है और घर में स्थायी लक्ष्मी का वास होता है।


🌟 क्यों खास है यह गुरुपूर्णिमा?

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार गुरुपूर्णिमा पर कई शुभ ग्रह-नक्षत्रों की युति बन रही है।
🔹 लक्ष्मी-नारायण की पूजा इस दिन विशेष पुण्यदायी मानी गई है।
🔹 गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान, व्रत, दान और मंत्र जाप से मनोकामना पूर्ण होती है।


📿 श्रीसूक्त पाठ से कैसे मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा?

श्रीसूक्त में मां लक्ष्मी का साक्षात आह्वान किया गया है। इस पाठ को गुरुपूर्णिमा की पूर्णिमा रात्रि में स्नान करके शांत चित्त से करना चाहिए।
🧘‍♀️ यह पाठ मन को स्थिर करता है और आर्थिक जीवन में स्थिरता लाता है।

श्रीसूक्त मंत्र की शुरुआत ऐसे होती है:

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह।।


💰 ‘धनदा लक्ष्मी स्तोत्र’ पाठ: दरिद्रता नाश और धनलाभ का उपाय

शिव-पार्वती संवाद पर आधारित यह स्तोत्र शिवजी ने स्वयं देवी पार्वती को बताया था।
🔸 इसे गुरुपूर्णिमा की रात श्रद्धापूर्वक पढ़ने से
🔹 आर्थिक कष्ट, कर्ज, व्यवसाय में रुकावट, और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है।
🔸 साथ ही घर में शांति, ऐश्वर्य और श्री का वास होता है।


📌 गुरुपूर्णिमा: श्रद्धा और साधना का संगम

यह पर्व केवल गुरु की वंदना का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नयन और जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर है।
🔹 इस दिन जप, तप, ध्यान, सेवा, दान और पाठ का विशेष महत्व है।
🔹 यह साधकों के लिए कर्मों की शुद्धि और ईश्वरीय कृपा प्राप्ति का सशक्त माध्यम है।