October 26, 2025

एमपी हाईकोर्ट में 49 साल बाद सुनवाई शुरू, लाखों केस पेंडिंग

दादा ने लगाया केस, पोते को करनी पड़ी पैरवी

📰 ⏳ एमपी हाईकोर्ट में 49 साल बाद सुनवाई शुरू, लाखों केस पेंडिंग

📍 ग्वालियर |
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में न्याय मिलने की राह इतनी लंबी हो गई कि केस लड़ने वाले दादा की मृत्यु के बाद पोते को खुद अदालत में पैरवी करनी पड़ी। यह चौंकाने वाला मामला ग्वालियर से सामने आया है, जिसमें 49 साल बाद पहली बार सुनवाई शुरू हो पाई है।

⚖️ 1971 में जिला कोर्ट से शुरू हुआ था संपत्ति विवाद
🏠 यह संपत्ति विवाद सैय्यद हबीब शाह द्वारा 1971 में ग्वालियर के जिला न्यायालय में दायर किया गया था। 1973 में फैसला आया, लेकिन पक्ष में न आने पर उन्होंने 1976 में हाईकोर्ट में प्रथम अपील की।

😲 49 साल तक सुनवाई की तारीख ही नहीं मिली। अब जाकर कोर्ट की रोस्टर व्यवस्था में बदलाव के कारण इस मामले में बहस शुरू हो सकी है।

🔄 हाईकोर्ट ने बदला रोस्टर, जानिए आपके लिए क्या बदला
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में अपने रोस्टर में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस नई व्यवस्था के तहत अब कोई भी केस जो बरसों से पेंडिंग पड़ा है और जिसमें वर्षों से कोई सुनवाई नहीं हुई, ऐसे मामलों को प्राथमिकता देकर सुना जाएगा।

💡 बदलाव का उद्देश्य है —
✅ पुराने मामलों को जल्दी निपटाना
✅ लोगों को समय पर न्याय देना
✅ अदालतों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना

📊 मध्य प्रदेश में 4.85 लाख से ज्यादा मामले लंबित
एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में इस समय 4.85 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। इनमें:
📌 सिविल केस: 51,987
📌 क्रिमिनल केस: 37,948

कई लोगों की पूरी जिंदगी अदालतों के चक्कर काटते-काटते बीत गई है।

📜 क्या कहता है कोर्ट का आदेश?
हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि:
➡️ पुराने पेंडिंग केसों को प्राथमिकता दी जाए।
➡️ जितनी जल्दी हो सके, मामलों को निपटाया जाए।

🙋‍♂️ क्या आपको भी मिलेगा लाभ?
अगर आपके या आपके परिवार के किसी सदस्य का कोई केस मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में वर्षों से लंबित है, तो अब राहत मिल सकती है।