December 1, 2025

गिरिराज धरण की कथा सुनने मात्र से सभी संकटों का नाश हो जाता है : संत समर तीर्थ महाराज

ग्वालियर। गुरुवार को परमात्मा आश्रम बेला की बावड़ी ए बी रोड पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवसपर निशुल्क कन्याओं के विवाह के निमित्त चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस की कथा में महाराज श्री ने सर्वप्रथम श्री कृष्ण जी की बाल लीलाएं ,माखन चोरी लीला का वर्णन किया तत्पश्चात गोवर्धन लीला का बड़े ही सुंदर वर्णन करते हुए भजन गया *मैं तो गोवर्धन को जाऊं मेरे मीत माने ना मोरा मनवा*यह सुन श्रद्धालु झूम के नाचने गाने लगे फिर आगे की कथा में बताया कि गिरिराज जी संकटों का नाश करने वाले हैं गोवर्धन महाराज मनुष्य के संकटों का हरण कर लेते हैं इसलिए उनकी पूजा और परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए वह कलयुग के प्रत्यक्ष देवता है तत्पश्चात आगे की लीला का वर्णन करते हुए बताया गिरिराज जी इंद्र का मान मर्दन करने के लिए प्रकृति की रक्षा के लिए गायों की सेवा के लिए बृजवासियों की रक्षा के लिए ही भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन धारण किया भगवान गोवर्धन को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है कई प्रकार के अन्य मिठाईयां पकवानों का मिश्रण करके अनेक प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाना ही अन्नकूट का भोग कहलाता है गोवर्धन की परिक्रमा मानसी गंगा से प्रारंभ कर के गोविंद कुंड का दर्शन करना चाहिए जहां पर भगवान श्री कृष्ण का इंद्र ने अभिषेक कर क्षमा मांगी थी कुसुम सरोवर जहां राधा जी की सखी पुष्प चुनने के लिए आती है राधा कृष्ण कुंड दान घाटी पूंछरी के लोटा इन प्रमुख स्थान की परिक्रमा करते हुए वृंदावन बिहारी जी के दर्शन करने से परिक्रमा पूर्ण होती है तत्पश्चात आचार्य मनीष कृष्ण जी महाराज ने बताया कल भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी का विवाह बड़े धूमधाम से किया जाएगा और 9 तारीख को इसी उपलक्ष्य में २१ गरीब कन्याओं का निशुल्क विवाह संपन्न कराया जाएगा जिसमें सभी भक्त लोग अधिक से अधिक संख्या में बढ़-चढ़कर भाग ले और यज्ञ को सफल बनाएं तत्पश्चात कथा में गोवर्धन महाराज की झांकी का मनोहारी दृश्य देखकर सभी भक्त मंत्र मुग्ध हो गएऔर सभी भक्तों द्वारा गिरिराज धरण के जयकारों से कथा स्थल गोवर्धन बना तत्पश्चात श्रीमद् भागवत को विश्राम करते हुए आरती उतारी गई जिसमें कन्हैयालाल आनंद, मुरारी लाल मित्तल, मलखान सिंह परिहार, ओमप्रकाश सिकरवार, सीता चौहान सिकरवार, राकेश चौहान, बीएस राजपूत, सुनीता सिकरवार, मुकेश साहनी, अशोक सहगल, बीएस राजपूत, रतन सिंह पटवारी,रमेश पाल आदि आरती में सम्मिलित हुए तत्पश्चात छप्पन भोग का प्रसाद सभी भक्तों में बांटा गया और अन्नकूट का भोग लगाकर सभी भक्तों मैं भंडारे का प्रसाद दिया गया।