December 1, 2025

संगीत की नगरी ग्वालियर में शुरू हुई 101वें तानसेन समारोह की तैयारियाँ

लय, सुर और ताल के बीच फिर गूंजेगा संगीत सम्राट तानसेन

ग्वालियर। भारतीय शास्त्रीय संगीत की सर्वोच्च परंपरा को समर्पित तानसेन संगीत समारोह का 101वाँ संस्करण इस वर्ष 14 से 19 दिसंबर 2025 तक भव्यता के साथ आयोजित होगा। संभाग आयुक्त श्री मनोज खत्री की अध्यक्षता में आयोजित स्थानीय समिति की बैठक में समारोह की रूपरेखा तय की गई। बैठक में समारोह को और अधिक आकर्षक, पारंपरिक व यादगार बनाने के लिए सदस्यों ने कई उपयोगी सुझाव दिए।

सदस्यों के सुझावों पर अमल के निर्देश.                               स्थानीय कलाकारों के चयन हेतु निष्पक्ष ज्यूरी गठित की जाएगी। समिति में संगीत व कला विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।सभी आयोजन स्थलों पर प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की व्यवस्थाएँ गुणवत्तापूर्ण ढंग से सुनिश्चित की जाएँगी।

‘गमक’ – 14 दिसम्बर को होगा भव्य प्रारंभिक कार्यक्रम।          (मूर्धन्य उप-शास्त्रीय कलाकार करेंगे प्रस्तुति)                        समारोह की पूर्व संध्या पर 14 दिसम्बर को इंटक मैदान में ‘गमक’ का आयोजन होगा। इसमें पं. हरिहरण, शंकर महादेवन सहित अन्य प्रसिद्ध कलाकारों की प्रस्तुति संभावित है। संभाग आयुक्त ने निर्देश दिए कि चयनित कलाकारों से शीघ्र संपर्क कर कार्यक्रम तय किया जाए।

पूर्वरंग सभाएँ – 10 दिसम्बर से शुरू होगी संगीत यात्रा।        (स्थानीय कलाकारों को मिलेगा मंच, शहर में गूंजेगा हर सुर)          मुख्य आयोजन से चार दिन पूर्व (10 दिसम्बर) से ‘पूर्वरंग सभाएँ’ आयोजित होंगी। इनके लिए 10 प्रमुख स्थलों का चयन किया जा रहा है। ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया और बटेश्वर में सभाएँ आयोजित होंगी।सभाएँ सुबह और शाम दोनों सत्रों में होंगी ताकि अधिकतम संगीतप्रेमी भाग ले सकें।

15 दिसम्बर को पारंपरिक एवं औपचारिक शुभारंभ।              (तानसेन समाधि पर शहनाई वादन और हरिकथा से होगी शुरुआत)  सुबह 10 बजे हजीरा स्थित तानसेन समाधि पर पारंपरिक कार्यक्रम —शहनाई वादन, हरिकथा और मीलाद वाचन। सायं 6 बजे भव्य मंच पर औपचारिक शुभारंभ समारोह होगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय तानसेन सम्मान और राजा मानसिंह सम्मान प्रदान किए जाने का प्रस्ताव है। साथ ही चित्रकला प्रदर्शनी और वादी-संवादी कार्यक्रम भी होंगे।

मुख्य समारोह की 10 संगीत सभाएँ।                                       (हर दिन सुर और साधना का उत्सव)                                      पहली सभा 15 दिसम्बर की शाम तानसेन समाधि परिसर में होगी।प्रतिदिन प्रातःकालीन और सायंकालीन सभाएँ आयोजित होंगी। 19 दिसम्बर को अंतिम दिन, प्रातः सभा बेहट (तानसेन की जन्मस्थली) में और सायं सभा गूजरी महल परिसर में होगी।

ग्वालियर किला बनेगा संगीत का साक्षी – “समवेत” कार्यक्रम।     (एक साथ 1000 कलाकारों का सामूहिक शास्त्रीय गायन)              इस वर्ष ऐतिहासिक ग्वालियर किले पर “समवेत” कार्यक्रम प्रस्तावित है। इसमें लगभग 1000 कलाकार एक साथ शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे।

संभाग आयुक्त ने इस कार्यक्रम की भव्य और सटीक तैयारियों के निर्देश दिए हैं।

🌟 खास बातें (Key Highlights)

🔹 तानसेन समारोह का 101वाँ वर्ष है

🔹 आयोजन 14 से 19 दिसम्बर 2025 तक होगा

🔹 ‘गमक’ और ‘पूर्वरंग सभाएँ’ से होगा माहौल संगीतमय

🔹 स्थानीय कलाकारों को मिलेगा मंच और अवसर

🔹 “समवेत” में एक साथ हजार कलाकारों का होगा गायन