October 26, 2025

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर (Adultery) अपने आप में अपराध नहीं है

दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर अपराध नहीं, पर हो सकता है खतरनाक

📰 🏛️ कोर्ट ने कहा – शादी टूटने पर तीसरे व्यक्ति से लिया जा सकता है मुआवजा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर (Adultery) अपने आप में अपराध नहीं है, लेकिन इसके नतीजे बेहद खतरनाक हो सकते हैं। अगर किसी तीसरे व्यक्ति की वजह से शादी टूटती है, तो पति या पत्नी उस व्यक्ति पर केस कर सकते हैं और हर्जाना (Compensation) भी मांग सकते हैं।

जस्टिस पुरूषेन्द्र कौरव ने सुनवाई में कहा – “विवाह की पवित्रता से कुछ अपेक्षाएं होती हैं। व्यभिचार अपराध नहीं है, लेकिन इसके कारण हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।”


📌 मामला क्या है?

  • एक महिला ने अपने पति की प्रेमिका पर शादी तोड़ने और भावनात्मक नुकसान का आरोप लगाकर आर्थिक मुआवजे की मांग की।

  • महिला की शादी 2012 में हुई थी और 2018 में जुड़वां बच्चे हुए।

  • 2021 से पति की जिंदगी में दूसरी महिला के आने के बाद रिश्ता बिगड़ गया।

  • पति और प्रेमिका दोनों एक साथ यात्राओं पर जाते थे और बाद में पति ने तलाक की अर्जी दे दी।

महिला ने हाईकोर्ट का रुख किया और पति की प्रेमिका से मुआवजे की मांग की।


⚖️ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला

  • सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जोसेफ शाइन केस (2018) का जिक्र किया।

  • सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले में कहा था कि एडल्ट्री अपराध नहीं है, लेकिन यह तलाक का आधार हो सकता है।

  • अब हाईकोर्ट के ताजा फैसले से भारत में पहली बार “Alienation of Affection” सिद्धांत लागू हो सकता है।


📜 क्या कहता है एडल्ट्री कानून?

  • पहले IPC की धारा 497 के तहत व्यभिचार अपराध था।

  • इसमें 5 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान था।

  • महिला पर केस नहीं होता था, केवल पुरुष को दोषी माना जाता था।

  • 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताते हुए खत्म कर दिया।


🔎 संसदीय पैनल की सिफारिश

  • पैनल ने 2 साल पहले कहा था कि व्यभिचार को फिर से अपराध घोषित किया जाए और इसे जेंडर-न्यूट्रल बनाया जाए।

  • यानी पति और पत्नी दोनों ही कानूनन बराबर जिम्मेदार ठहराए जाएं।